Welcome to Safa Turban official website.

 

Types of Safa Turban / Paghdi

kutchhi pagh
कच्छी पघडी

कच्छ की पघडी वहा के राज परिवार द्वारा अच्छे या बुरे प्रसंगो में अलग अलग रंगो से पहनी जाती है. इस पघडी की विशेषता यह है की यह पघडी बाई ओर से गोलाकार लेते हुए उपर तक 3 आंटी लगाई जाती है.

kathiyawadi pagh
काठियावाड़ी पघडी

काठियावाड़ की आंटीयाळी पघडी जो की आगे से थोडी झुकी हुई होती है, पहनने वाले व्यक्ति को एक अनोखी पहचान देती है. यह पघडी काठियावाड़ के गांवो में पहनी जाती है.

gohilwadi turban
गोहिलवाड की पघडी

गोहिलवाड की अपने अंदाज में कुछ अलग है. इस पघडी को युवा वर्ग नीले या मरुन / कॉफी रंग से और बुझुर्ग लोग सफेद रंग से बनी हुई पहेनते थी. इस पघडी के बीच में उसके ही भाग से एक डिझाईन बनाई जाती है. इस पघडी को बनाना बहूत ही महेनत का काम है. हाल के समय में इस पघडी को बांधने वाले बहुत कम लोग है.

zalawadi pagh
झालावाडी पघडी

झालावाडी पघडी अपने नाम से ही झाला राजपूतो की पहचान है. इस पघडी के दो प्रकार मखवान पघडी और झालावाडी पघडी है. झालावाडी पघडी एक तरफ झुकी हुई पहनी जाती है जबकी मखवान पघडी को बिचमे से पहना जाता है.

बाराड़ी पाघ

बाराड़ी पाघ बाराडी प्रदेश, जो की जामनगर, गुजरात में है, के लोग पहनते है. यह पाघ की विशेषता यह है की इसमे एक के उपर एक पट्टी बनाई जाती है जो की बनाने में बहूत ही मुश्कील काम है. इस पाघ को बांधने वाले बहूत कम लोग है.

bharwad rabari turban
भरवाड और रबारी की पघडी

भरवाड और रबारी समाज के लोग भी पघडी पहेनती थे जिसमे भरतकाम किया हुआ एक लाल रंगका कपडा बिचमें रखा जाता है. खास करके पांच पंथक के रबारी लोग पघडी के एक तरफ भरतकाम किया हुआ एक पट्ट बिचमे रखके उसे अलग से दिखाते थे.

भाल की पघडी

एक समय में लोगो की पहचान ही पघडी से होती थी. भाल की पघडी कुछ अलग ही थी, इस पघडी को अलग अलग रंगो के कपडे से बनाकर पहना जाता है.

morbi chakri pagh
मोरबी की चक्री पघडी

मोरबी और उनके भायात गांव जो पघडी पहनते थे उसे मोरबी की चक्री पघडी के नाम से पहचाना जाता है. जो की इंढोनी के आकार सी होती है.

rajasthani turban
राजस्थानी पघडी

राजस्थान मे राजपूताना संस्कृति को बहूत अच्छी तरह से पघडी के द्वारा संभाला गया है. राजस्थान में 14 कि.मी. के अंतर पर अलग अलग पघडी बांधी जाती है.

halari pagh
हालारी पाघ

हालारी पघडी कला का एक उत्तम नमूना है. हालारी पाघ और पघडी जामनगर (गुजरात) के गिरासदार पहनते है. पाघ में कापड से बना एक पट्ट होता है और पघडी में वड चडाया जाता है. इस पघडी और पाघ से हालारी लोग तुरंत पहचाने जाते है.

Why choose us?

We tying Safa & Turban like a real Rajputana style. We also guarantee about quality and perfection of Safa or Turban.

Types of Safa

gujarati safa
गुजराती साफा

गुजराती साफा कइ अलग अलग प्रकार के देखे गये है जिसमे सामान्य गुजराती, शादी का साफा, स्वामी नारायण का साफा और राजपूत साफा उल्लेखनीय है.

jodhpuri safa
जोधपुरी साफा

जोधपुरी साफा कला का एक अलग ही नमूना है जो की जोधपुर में पहना जाता है. इस साफे में सभी अलग अलग रंग दिखाई पडते है और एक अलग से ही निखार आता है.

Rajasthani Safa
राजस्थानी साफा

राजस्थान में सभी लोग अलग अलग प्रसंगो में अलग अलग प्रकार के साफा बांधते है. अच्छे प्रसंंगो में रंगबिरंगी साफा बांधे जाते है. राजस्थान में आज भी बहूत से गांवो में लोग साफा बांधते है और राजपूताना संस्कृति को बनाये रखे है. पुरे भारतवर्ष में राजस्थान एकमात्र राज्य हैं जिसमे साफा बांधने की प्रथा अन्य राज्यो से ज्यादा है.

tying safa
साफा

साफा राजपूताना संस्कृति का एक अभिन्न अंग है. पुराने जमाने में सभी लोग साफा पहनते थे लेकिन राजपूतो का साफा एक अलग ही पहचान थी जिसमे एक तरफ 9 आंटी लगाई जाती है और दूसरी तरफ की भौं (भृकुटी) तक लगाया जाता है जिससे एक अलग ही व्यक्तित्व दिखाई पडता है. आज के युग में भी राजपूताना संस्कृति में साफा का उतना ही महत्व है.

Interested? Send your inquiry

Send messageclear

About us Safa Turban

At Safa Turban, We tying all types of Royal / Rajwadi Safa, Turban & Pagh. We typing quality Safa & Turban including Gujarati Safa, Jodhpuri Safa, Rajasthani Safa etc… In turban we tying all types of Rajwadi Turban including Kutchhi, Kathiyawari, Gohilwadi, Jhalawadi, Baradi, Bharwad or Rabari, Bhal, Morbi Chakri, Rajasthani, Halari Paghdi etc… Read more details about us.

Safa Turban